Old Pension Scheme (OPS) Expansion: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रविवार को नई पेंशन कर्मचारी महासंघ की प्रदेश कोर कमेटी की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के दायरे को विस्तारित करने और प्रदेश में कर्मचारियों की लंबित देनदारियों के मुद्दों पर चर्चा की गई। महासंघ के सदस्यों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का पुरजोर विरोध किया और इसे प्रदेश सरकार और कर्मचारियों दोनों के लिए अव्यवहारिक और नुकसानदायक बताया।
पुरानी पेंशन योजना का विस्तार जरूरी
महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार पहले ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू कर चुकी है, लेकिन अब भी कई कर्मचारी इससे वंचित हैं। उन्होंने विशेष रूप से बिजली बोर्ड और अन्य बोर्डों तथा निगमों के कर्मचारियों का उल्लेख करते हुए सरकार से मांग की कि इन्हें भी OPS के तहत लाया जाए।
इसके अलावा, बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली बकाया देनदारियों के भुगतान का मुद्दा भी उठाया गया। महासंघ ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इन देनदारियों का जल्द से जल्द भुगतान किया जाना चाहिए।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विरोध
बैठक में मौजूद सभी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विरोध किया। महासंघ के अनुसार, यह योजना न तो कर्मचारियों के हित में है और न ही प्रदेश सरकार के लिए फायदेमंद। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में पहले से OPS लागू है, इसलिए UPS को लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं।
संयुक्त परामर्श समिति (JPC) की बैठक की मांग
बैठक के दौरान अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (NGO) की मान्यता को लेकर भी चर्चा हुई। महासंघ के अध्यक्ष ने इस विषय में मुख्यमंत्री और सरकार को आगाह करते हुए कहा कि कर्मचारियों का समर्थन किसके साथ है, यह सरकार को भली-भांति पता है। उन्होंने सरकार से जल्द ही संयुक्त परामर्श समिति (JPC) की बैठक बुलाने की मांग की, ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकल सके।
महासंघ को उम्मीद है कि आगामी बजट में सरकार कर्मचारियों की लंबित देनदारियों पर विशेष ध्यान देगी और OPS से वंचित कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा।